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Wednesday, 9 November 2016

(भाग १००/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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१००/१२४ - रोने से हृदय का संताप दूर होता है । संसारी मनुष्यों के सामने रोने से मनुष्य पुरुषार्थहीन , तेजहीन और बुद्धिहीन होकर मनुष्यता से गिर जाता है । परंतु श्री भगवान् के सामने रोने से मनुष्य के जन्म-जन्मान्तर के पाप एक ही घडी में धुलकर वह ऐश्वर्य तथा श्री भगवान् को प्राप्त होता है । इसलिए संसारी मनुष्यों के सामने झींका- झांकी करना तथा रोना छोड़कर अपने हृदय की सब प्रकट एवं गुप्त बातें एकांत में श्री भगवान् को ही सुननी चाहिए । 
 
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।🌻🌻🌻
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