***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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९९/१२४ - प्रत्येक मनुष्य का कर्त्तव्य है कि वह पहले वर्णाश्रम धर्म के अनुसार काम करे उसके पश्चात श्री भगवान् की उपासना करे । इन दोनों क्रियाओं के मिलित-साधन से शरीर और मन दोनों पवित्र होकर सदाचार और श्री भगवान् की अटूट भक्ति प्राप्त होती है ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
* *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
ॐ शांति शांति शांति।
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