***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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९८/१२४ - पूर्णता केवल श्री भगवान् में है । मनुष्य श्री भगवान् का अंश है । इसलिए मनुष्य में किसी न किसी प्रकार की कमी का रहना स्वाभाविक ही है । किसी भी प्रकार की कमी को पूरा करने का सरल व सुगम उपाय यह है कि मनुष्य जितना दूसरों की आवश्यकताओं और कमी को पूरा करने का साधन करता रहेगा उससे कई गुने अंशों में उसकी आवश्यकता तथा कमी श्री भगवान् की कृपा से स्वतः ही पूरी होती जावेगी ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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