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Wednesday, 23 November 2016

(भाग ११४/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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११४/१२४ - आध्यात्मिक अभ्यास तथा श्री भगवान् की पूजा करने में जिस साधन से शांति व आनंद प्राप्त हो, उसको नई प्रथा तथा सभ्यता के पुरुषों की देखादेखी अथवा किसी के कहने, सुनने पर कदापि नहीं छोड़ देना चाहिए । यदि उनसे उत्तम ज्ञान मिलता हो तो उसे अपने में मिला लेना चाहिए । 

- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।🌻🌻🌻
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