***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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९३/१२४ - केवल उच्च पदों पर काम करने तथा धनवान होने से कुल उत्तम नहीं कहा जा सकता । वंश, कुल एवं खानदान वही उत्तम और जगत पूज्य है जिसमे श्री भगवान् की भक्ति की वृद्धि होकर निःसहाय और दुखी प्राणियों की भाव और प्रेम सहित निरंतर सेवा होती रहे ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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