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Sunday, 27 November 2016

(भाग ११८/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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११८/१२४ - मन के कहने पर चलने से मनुष्य शक्ति-हीन, दुखी और संसार के लिए अनुपयोगी बनता है । यदि सच्चे सुख की चाहना हो तो संदेह करना, राग, द्वेष, घृणा तथा ईर्ष्या करना और विकारों के वशीभूत होना छोड़ देना चाहिए । दृढ़ता के साथ मन को किसी के अर्पण कर देने पर ही ऐसी साधनाओं का होना संभव है । 

- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।🌻🌻🌻
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