***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
*- - - -*
११०/१२४ - पूर्व और दक्षिण की ओर सर करके सोने से शररेरिक और मानसिक व्यथाएँ दूर होती हैं । पश्चिम और उत्तर की ओर सिर करके सोने से मष्तिष्क शक्ति ख़त्म होकर सिर के व मानसिक और शारीरिक रोग उत्पन्न होते हैं । इसी प्रकार पूर्व और उत्तर की ओर मुंह करके बैठकर पूजा, पाठ, ध्यान, धारणा आदि देव-कार्य करने से आत्मोन्नति तथा श्री भगवान् की भक्ति में वृद्धि होती है ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
No comments:
Post a Comment