Like on FB

Monday, 14 November 2016

(भाग १०५ /१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"

🌻

🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*


१०५ /१२४ - अपने पूजनीय तथा वयोवृद्य यदि विशेष प्रेम आदि के कारण आपका सम्मान करने के लिए प्रणाम करें तो इस बात की विशेष प्रकार से सावधानी रखना चाहिए कि उन्हें आप से पहिले प्रणाम करने का अवसर ही न मिलने पाए । तात्पर्य यह है कि वे प्रणाम करें इसके पाहिले ही उनको प्रणाम कर लेना चाहिए । 
 
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।🌻🌻🌻
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

No comments:

Post a Comment