***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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११७/१२४ - जब मनुष्य मानसिक विकारों से ऊब जाता है तो वह निर्दोष जीवन व्यतीत करने लगता है । निर्दोष तथा पवित्र जीवन ही सच्ची शांति है जिसकी प्राप्ति आत्म संयम तथा श्री भगवान् की भक्ति से ही प्राप्त होती है ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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