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Thursday, 3 November 2016

(भाग ९४/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"


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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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/१२४ - वह सत्यता और ईमानदारी किसी काम की नहीं जिसमे नम्रता, प्रेम और निःस्वार्थ सेवा की वृद्धि न हो | सत्य और ईमानदारी के प्रकाश में यदि स्वार्थ और अन्धकार का नाश न हो तो वह सत्यता और ईमानदारी कदापि नहीं है किन्तु धोखा के रूप में असत्य और हिंसा ही है | 
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।🌻🌻🌻
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