***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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११६/१२४ - अपनी भूल-चूक अनुचित कामों एवं दूषित कर्मों के लिए हार्दिक दुःख के साथ पश्चाताप करने तथा भविष्य में फिर ऐसे दूषित कर्मों के न करने का दृढ़ संकल्प करने से सब दूषित कर्मों तथा पापों का प्रायश्चित हो जाता है और भविष्य के लिए श्री भगवान् की कृपा से सुबुद्धि तथा सुमति प्राप्त होकर शांति तथा सुख के देवताओं की सहायता से वह श्री भगवान् के समीप पहुँच जाता है ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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