🌻"परम् पूज्य पापाजी बताते थे कि परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने कर्तव्य पालन और सदाचार पर अध्यात्म की आधारशिला रखी।साधक को सबके प्रति कर्तव्य का पालन पूरी निष्ठा से करना है।सबके प्रति निस्वार्थ भाव से कर्तव्य पालन करनेसे उसका फल साधक के व्यवहार में परिलक्षित होगा तथा उस पर चलने से साधक अपने मार्ग से विचलित नही होगा,क्योकि जब साधक साधना आरम्भ करता है तो उसे अनेक कठिनाईया जैसे काम ,क्रोध,लोभ मोह अहंकार आदि का सामना करना पड़ता है ,परन्तु पूज्य चच्चा जी महाराज द्वारा बताये हुए मार्ग पर चलने वाले साधको के अंदर सदाचार एवम् कर्तव्य पालन उनके रोम रोम में इतना व्याप्त हो जाता है कि यह सब कठिनाईया उसकी साधना के आगे स्वतः समाप्त हो जाती है।"
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