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Tuesday, 11 April 2017

जासु नाम जपि सुनहु भवानी, भव बन्धन काटहि नर ग्यानी।

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🌻***~ॐ~****🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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🌻"सत पंच चौपाई"🌻श्रृंखला के सुन्दरकाण्ड की अंतिम चौपाइया प्रस्तुत है–

🌻"जासु नाम जपि सुनहु भवानी,
भव बन्धन काटहि नर ग्यानी।
राम नाम बिनु गिरा न सोहा,
देखु बिचारि त्यागि मद मोहा।।" 
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🌻"( मेघनाद ने हनुमानजी को ब्रह्मबाण मारा,और फिर उन्हें नागपाश में बांधकर ले गया।तब शिव जी कहते है) 
🌻"हे भवानी ! सुनो,जिनका नाम जप कर ज्ञानी (विवेकी)मनुष्य संसार (जन्म मरण)के बन्धन को काट डालते है।"🌻
(उनका दूत कही बन्धन में आ सकता है?किन्तु प्रभु के कार्य के लिए हनुमानजी ने स्वयम अपने को बंधा लिया)।
(आगे हनुमानजी रावण को समझाते हुए कहते है)

🌻"रामनाम के बिना वाणी शोभा नही पाती,मद मोह को छोड़ विचार करके देखो।"🌻
(मोह ही जिसका मूल है ऐसे (अज्ञानजनित),बहुत पीड़ा देने वाले,तमरूप अभिमान का त्याग कर दो और रघुकुल के स्वामी,कृपा के समुद्र भगवान श्री रामचन्द्र जी का भजन करो)।"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻

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