🌻"सत पंच चौपाई"
🌻 के उत्तरकाण्ड की कुछ अन्य आगे की विशिष्ट चौपाइया प्रस्तुत है–
🌻"सब कर मत खगनायक एहा,
करिय राम पद पंकज नेहा।
श्रुति पुरान सब ग्रन्थ कहाही,
रघुपति भगति बिना सुख नाही।
🌻"(कागभुशुण्डिजी ने गरुण जी को शिवजी,ब्रह्माजी,शुकदेवजी,सनकादि और नारद जी आदि ब्रह्म विचार में निपुण जो मुनि है उन सबका मत बताते हुए कहा)
"हे पक्षीराज ! उन सबका यही मत है की श्री रामजी के चरणकमलों में प्रेम करना चाहिए।श्रुति,पुराण और सभी ग्रन्थ कहते है कि श्री रघुनाथ जी की भक्ति के बिना सुख नही है।"
🌻
🌻"इस सम्बन्ध परम् पूज्य पापाजी कहा करते थे कि सभी को स्वयम को अपने गुरुदेव/इष्टदेव में श्रद्धा भाव से समर्पित होकर उनके बताये हुए आदर्शो को जीवन में उतारते हुए जीवन जीना चाहिए,जिससे वे अत्यंत दुस्तर संसार सागर को सहज ही पार कर जायेंगे।"
🌻
No comments:
Post a Comment