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Wednesday, 19 April 2017

सब कर मत खगनायक एहा, करिय राम पद पंकज नेहा।

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🌻***~ॐ~****🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻
🌻"सत पंच चौपाई"🌻 के उत्तरकाण्ड की कुछ अन्य आगे की विशिष्ट चौपाइया प्रस्तुत है–

🌻"सब कर मत खगनायक एहा,
करिय राम पद पंकज नेहा।
श्रुति पुरान सब ग्रन्थ कहाही,
रघुपति भगति बिना सुख नाही।

🌻"(कागभुशुण्डिजी ने गरुण जी को शिवजी,ब्रह्माजी,शुकदेवजी,सनकादि और नारद जी आदि ब्रह्म विचार में निपुण जो मुनि है उन सबका मत बताते हुए कहा)
"हे पक्षीराज ! उन सबका यही मत है की श्री रामजी के चरणकमलों में प्रेम करना चाहिए।श्रुति,पुराण और सभी ग्रन्थ कहते है कि श्री रघुनाथ जी की भक्ति के बिना सुख नही है।" 
🌻
🌻"इस सम्बन्ध परम् पूज्य पापाजी कहा करते थे कि सभी को स्वयम को अपने गुरुदेव/इष्टदेव में श्रद्धा भाव से समर्पित होकर उनके बताये हुए आदर्शो को जीवन में उतारते हुए जीवन जीना चाहिए,जिससे वे अत्यंत दुस्तर संसार सागर को सहज ही पार कर जायेंगे।"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻🌻

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