

















गनिका अजामिल ब्याध गीध गजदि खल तारे घना।
आभीर जमन किरात खस स्वपचादि अति अघरूप जे ।
कहि नाम बारक तेपि पावन होहि राम नमामि ते।।"

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गणिका,अजामिल,ब्याध,गीध,गजआदि बहुत से दुष्टो को उन्होंने तार दिया।अभीर,यवन,किरात,खस,श्वपच(चांडाल)आदि जो अत्यंत पापरूप ही है ,वे भी केवल एक बार जिनका नाम लेकर पवित्र हो जाते है,उन श्री रामजी को मै नमस्कार करता हूँ।"


















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