














🌻

यदि साधक भक्ति मार्ग पर चलता है,तो ईश्वर हर तरह से उसका इम्तहान उसी मार्ग में लेगा । इसके लिए तैयार रहना होगा।ईश्वर सर्वप्रथम अपने भक्तो का ही इम्तहान लेते है । हर तरह से कसौटी पर कसते है । पूज्य गुरुदेव आगे कहते है लिहाजा प्रत्येक साधक को सेवा करना अपना धर्म समझना चाहिए ।
अब मान लीजिये आप अपने घर परही किसी से कोई काम करने को कहतेहै, वह नही करता तो उस वक्त आपको क्रोध आता है ,मगर उसके साथ यह ख्याल करना चाहिए कि हम तो दास हैहमको हुक्म नही देना है,हमको तो खुदही सबकी सेवा करनी है ।
घर के सब लोगो के बीच रहते हुए यह ख्याल करना चाहिए कि यह सब ईश्वर की सन्तान है और ईश्वर ने हमे इनकी सेवा
के लिये भेजा है ।अतः प्रत्येक साधक को सबकी ईश्वर रूप में सेवा करते हुए अभ्यास करना है।इस ख्याल को ग्रहण करने से मोह छूट जाता है और प्रेम आने लगता है,फिर हम जो भी सेवा करेंगे वह बगैर स्वार्थ के होगी।"

















जय गुरुदेव ।
No comments:
Post a Comment