Like on FB

Sunday, 19 February 2017

सदाचार द्वारा मनुष्य का मन अत्यंत निर्मल हो जाता है और वह अत्यंत उदारता के साथ..

🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-* 

🌻
परम् पूज्य पापाजी परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी की भांति ही सदाचार एवम् कर्तव्य पालन पर विशेष जोर देते थे उनका कहना था कि–"सदाचार द्वारा मनुष्य का मन अत्यंत निर्मल हो जाता है और वह अत्यंत उदारता के साथ न केवल कुटुंब, जाति,और समाज की बल्कि पूरे विश्व के कल्याण के लिए प्रयत्नशील रहता है।निस्वार्थ सेवा से उसका चित्त आनन्द से सराबोर रहता है।सदाचारी की स्वयम की सारी व्यथाये समाप्त हो जाती है।आत्मा को शांति मिलती है।अंत में वह परम् पद को प्राप्त होता है।सम्पूर्ण अध्यात्म की नीव सदाचार और कर्तव्य पालन पर आधारित है तो उन्नति तीव्र गति से होती है।पूज्य गुरुदेव द्वारा बताये गए सदाचार और कर्तव्य पालन के मार्ग पर चलते हुए साधक का मन अत्यंत निर्मल होकर साधनारत हो जाता है ।"

🌻-*🌷*हे परमपिता परमेश्वर हे गुरु महाराज हम सब आपको कोटि कोटि प्रणाम करते है- 
शंकर जगत वन्द्य जगदीसा,
सुर नर मुनि सब नावहिं सीसा।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻🌻

No comments:

Post a Comment