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परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज के चरणों में सभी लोगो की तरफ से कोटि कोटि चरण वन्दन ।
आज पुनः पूज्य गुरुदेव के कुछ और विशिष्ट वचन आप सबके सम्मुख प्रस्तुत है -
1 - सन्तों की वाणी तथा उनका आदर्श जीवन चरित अभ्यास साधन में लाभकारी है ।
2 - अतिथि की यथायोग्य सेवा तथा सत्कार प्रेम और नम्रता के साथ करना चाहिये ।
3 - संसारी पुरुषो को आत्मोन्नति तथा ईश्वर भक्ति में लगा देना बहुत बड़ी सेवा है ।
4 - निष्काम प्रेम भाव के बिना किसी पक्षपात तथा भेदभाव के प्रत्येक प्राणी की सेवा करना साक्षात ईश्वर की सेवा करना है ।
5 - संसार का प्रत्येक प्राणी सुख चाहता है,किन्तु ईश्वर भक्ति के बिना सुख की प्राप्ति कदापि सम्भव नही ।
इसलिए प्रत्येक मनुष्य को किसी धार्मिक ग्रन्थ का पाठ ,सत्संग तथा ईश्वर भक्ति के साधन नियमानुसार प्रतिदिन अवश्य करते रहना चाहिए ।"


















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