















"सन्त वे होते है जो न केवल अपने उपदेशो से वरन् अपने चरित्र एवम् व्यक्तित्व के आधार पर सुसंस्कृत जीवन का शिक्षण देते है।सन्त ही मनःस्थिति को नियंत्रित रखकर ,विचारो की अनगढ़ता को ठीक कर,आदर्शवादी उत्कृष्टता को जीवन में उतारकर अपना उदाहरण सबके समक्ष प्रस्तुत करते है।वे जनमानस को यह साहस प्रदान करते है कि मनःस्थिति ऊँची रहने पर विषम परिस्थितियों में भी मानवी गरिमा अक्षुण्ण रखी जा सकती है।परम् सन्त सद्गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज के एवम् अन्य सभी सन्तों के जीवन चरित से प्रेरणा लेकर ,उनके उपदेशो को जीवन में उतार कर सभी जीवन के लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हुए मानवीय गरिमा बना सकते है।"

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