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Friday, 12 May 2017

परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने कहा है भगवद मार्ग यही है कि हम प्राणी मात्र की सेवा में रत हो।

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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🌻"परम् पूज्य पापाजी ने सत्संग के दौरान बताया कि--

🌻"परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने कहा है भगवद मार्ग यही है कि हम प्राणी मात्र की सेवा में रत हो। रामचरितमानस में श्री रामचन्द्र जी ने भरत जी को समझाते हुए कहा है कि–
"परहित सरिस धर्म नहि भाई,
पर पीड़ा सम नहि अधमाई।"
पूज्य पापाजी ने आगे बताया कि एक बार दादागुरु परम् सन्त श्री लालाजी महाराज से किसी जिज्ञासु ने पूछा,
"मनुष्य जीवन का मकसद क्या है?
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अत्यंत सारगर्भित शब्दों में उन्होंने कहा ,"आदमी की जिंदगी का मकसद यह है कि जिस परमपिता परमात्मा की वह सन्तान है उन्ही में लीन हो जाये और वहाँ पहुँच कर उस जगह स्वयम को स्थिर कर ले ,यही उद्देश्य है।"
ईश्वर में लीन होने से पहले साधक को गुरु की शरण में जाना चाहिए।यही वह माध्यम है जिसके सहारे व्यक्ति सुगमता से परमात्मा तक पहुँच सकता है।इसकी सत्यता इस चौपाई से स्पष्ट होती है–
"गुरु बिन भव निधि तरहि न कोई।
जो विरंचि शंकर सम होइ।।
अतः प्रत्येक साधक को यह समझ लेना चाहिए कि उसे सद्गुरु की सहायता से अपने अंदर ईश्वरीय गुणों को धारण करना है।जीवन एक यात्रा है और जो यात्रा परमात्मा के अंश से प्रारम्भ हुई उसकी समाप्ति उसी अंश में समाहित होकर करना है।"🌻
🌻*🌷 परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻

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