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Saturday, 13 May 2017

प्रत्येक मनुष्य स्वयम अपना अभ्यास तथा साधन जारी रखते हुए अपने घर के प्रत्येक प्राणी को ईश्वर भक्ति में लगाता रहे

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻
परम् पूज्य पापाजी ने सत्संग के पश्चात आध्यात्मिक चर्चा करते हुए बताया कि –
🌻"पूज्य चच्चा जी महाराज कहा करते थे 
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🌻"प्रत्येक मनुष्य स्वयम अपना अभ्यास तथा साधन जारी रखते हुए अपने घर के प्रत्येक प्राणी को ईश्वर भक्ति में लगाता रहे और ईश्वर भक्ति का विस्तार अपने कुटुंब जाति व सम्बन्धियो तथा मिलने जुलने वालो में फैलाने की तीव्र उत्कंठा रखे।ताकि देश के कोने कोने और घर घर में स्वार्थ त्यागी और सदाचारी मनुष्य बने।
🌻"आत्मोन्नति अथवा ईश्वर भक्ति ऐसी अमूल्य वस्तु है जिसके प्राप्त होने पर मनुष्य सदाचारी बन जाता है।
🌻"सदाचारी का गुण यह है कि उसका हृदय प्रेम से पिघला हुआ होता है।
🌻उसके नेत्र दूसरो की विपत्ति देख नही सकते।
🌻कान किसी की विपत्ति कहानी सुन नही सकते।
🌻वह अपना सर्वस्व न्योछावर करके दुखी प्राणी के दुःख निवारण का उपाय करने लगता है।
🌻दुखी हृदयो का दुःख दूर करने का वह हर सम्भव प्रयास करता है।
🌻सदाचारी मनुष्य सहनशील और उदार होता है।उसे अपने कुटुम्ब जाति और समाज की ही नही बल्कि सारे विश्व के प्राणियो के कल्याण की चिंता रहती है।
🌻वह निष्काम प्रेम भाव से बिना किसी भेद भाव व पक्षपात के प्रत्येक प्राणी की तन मन धन से निस्वार्थ सेवा करता है और ऐसी सेवा को परमात्मा की साक्षात् साकार सेवा समझता है।
🌻विश्व में सुख और शांति के लिए ऐसे ही सदाचारी मनुष्यो की आवश्यकता है।"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव् सब पर कृपा करे।🌷*🌻 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻

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