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Sunday, 9 July 2017

अध्यात्म मार्ग के साधक सद्गुरु द्वारा बताये गए उपदेशो एवम् आदर्शो को पूरी तन्मयता से अपने जीवन में उतारने का प्रयास करे

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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परम पूज्य पापाजी ने "अध्यात्म-मार्ग" एवम् "सद्गुरु का महत्व" बताते हुए कहा कि–
🌻"अध्यात्म मार्ग के साधक सद्गुरु द्वारा बताये गए उपदेशो एवम् आदर्शो को पूरी तन्मयता से अपने जीवन में उतारने का प्रयास करे तो जीवन लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है।
इस मार्ग की सबसे सरल बात यह है कि किसी भी एक गुण को आत्मसात करने से सभी ईश्वरीय गुण स्वतः चुम्बक की तरह खीचते चले आते है ।
इस तरह इन गुणों के साथ जीवन जीने से मनुष्य ईश्वर दर्शन का अधिकारी हो जाता है।
सन्त सद्गुरु एवम् ईश्वर इन सब में क्या अंतर है
इसको स्पष्ट करने के लिए सन्त कबीरदास जी का यह दोहा प्रस्तुत है –
🌻"गुरु गोविन्द दोउ खड़े,काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु आपकी गोविन्द दियो बताय।।"🌻
अंत में मै यही कहूँगा कि प्रत्येक को सद्गुरु की शरण में जाकर मानव जीवन के लक्ष्य प्राप्ति का प्रयास समय रहते अवश्य करना चाहिए।यदि किसी के सद्गुरु या इष्टदेव नही है तो उन्हें जिसमे श्रद्धा विश्वास हो उनमे स्वयम को समर्पित कर जीवन के वास्तविक लक्ष्य की ओर अग्रसर होंने का प्रयत्न करना चाहिए।"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

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