🌻"परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने अपने अमृत वचनो में कहा है कि-
🌻"अक्सर लोग यह शिकायत किया करते है कि पूजा के वास्ते हम बैठते है'और करते पर हमारा चित्त नही लगता और तमाम ख्याल आते है। इसकी वजह यह है कि दरअसल में हमारी तबियत उस ओर पूरी तरह से रुजू नही हुई है या हमको उस तरफ शौक नही है।क्योकि यह देखने में आया है कि अगर कोई आदमी ताश या जुआ खेल रहा है तो उस वक्त उसको खाने पीने वगैरह की भी परवाह नही रहती।उस समय उससे कोई कहे कि तुम्हारे माता पिता ने तुमको बुलाया है,तो वह कहेगा थोड़ी देर में आता हूँ।
इससे यह मालूम होता है कि वाकई में हमको ईश्वर से मिलने की चाह तबियत से नही है।अगर है तो हमको फिर कोई शिकायत का मौका नही है।"
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