















किस प्रकार पूज्य चच्चा जी महाराज अपने गुरुदेव में ही सर्वस्व समर्पित थे ,तथा साधक /शिष्य उनसे किस प्रकार प्रेरणा ले सकता है,प्रस्तुत है-
"परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज अपने गुरुदेव श्री लालाजी महाराज (श्री रामचन्द्रजी)में पूर्ण समर्पित थे तथा वे सबमे उन्ही के रूप को देखते थे।(इस सन्दर्भ में पूज्य पापाजी 'राम रक्षा स्त्रोत'का यह श्लोक बताते थे)श्लोक-


स्वामी रामो मत्सखा रामचंद्रः।
सर्वस्वम् में रामचंद्रो दयालुर्नान्यम जाने,
नैव जाने न जाने।।


















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