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Saturday, 8 July 2017

प्रत्येक साधक को सरलता और सबके साथ कपटरहित व्यवहार करना चाहिए

🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻
🌻"परम पूज्य पापाजी बताया कि–
🌻"प्रत्येक साधक को सरलता और सबके साथ कपटरहित व्यवहार करना चाहिए। 
किसी के व्यवहार से प्रभावित हुए बिना सबके साथ यथोचित व्यवहार करना चाहिए।
ऐसा नही होना चाहिए कि मन में कुछ और हो और बाहर से कुछ और व्यवहार।
साधक का मन निर्मल होना चाहिए।छल कपट से स्वयम को दूर रखने का प्रयास करना चाहिए।
अपने इष्टदेव/गुरुदेव पर पूर्ण श्रद्धा एवम् विश्वास रखना चाहिए।
जैसा कि भगवदगीता में भी भगवान ने अर्जुन से कहा है -
🌻"तू एकमात्र मेरी शरण में आ जा मै तुझे सब पापो से मुक्त कर दूँगा"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻🌻

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