

















–– की प्रस्तुति––

प्रायः यह देखा गया है कि जब गुरु मिल जाते है और अपने भक्त के कल्याण के लिए हर सम्भव प्रयास करते है,किन्तु भक्त सांसारिक कष्टो के समक्ष गुरु की समर्थता पर सन्देह करने लगता है।
यहाँ पर यह ध्यान देने योग्य है कि आज हमे जो या जैसा जीवन मिला है वह सब हमारे पूर्व जन्मों के कर्मो का फल है जिसे हमे भोगना है।हाँ गुरु हमारे कष्टो को कम करके हमे उन्हें सहन करने की शक्ति प्रदान कर सकते है।
जब हम सद्गुरु की शरणागत होते है तब....(क्रमशः)

















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