
















सदाचार का पालन करना और बहुत से कर्मो से वैराग्य ।
अब प्रश्न यह उठेगा कि ऐसे कौन से कर्म है जिनसे वैराग्य हो तो इस सम्बन्ध में परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने अपने अमृत वचन में स्पष्ट रूप से कहा है-

अतः प्रत्येक साधक को प्रतिदिन आत्मनिरीक्षण एवम् आत्मपरिष्कार करते रहना चाहिए।


















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