🌻"परम् पूज्य पापाजी अपने गुरुदेव परम् पूज्य चच्चा जी महाराज के बारे में बताते हुए कहते थे कि-
🌻"अपने गुरुदेव का स्मरण ही आध्यात्मिक पूजा है"।
🌻--------------------------------------------------
🌻यहाँ स्मरण का अर्थ उनके उच्च आदर्शो को,उनके जीवन के मूल्यों को अर्थात उनके जीवन दर्शन को आत्मसात करना एवम् उनके बताये हुए मार्ग पर चलने का यथासम्भव प्रयास करना है।
परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज लोकाचार,सदाचार तथा अध्यात्म एवम् योगविद्या के उच्चकोटि के सिद्धपुरुष थे।उनका पावन चरित बोधगम्य से अधिक अनुभगम्य है।
वे युगपुरुष थे तथा उन्होंने सदाचार के प्रचार प्रसार के लिए अवतार लिया था।समाज के लिए मानव मूल्यों के सन्दर्भ में उनका सदाचार सन्देश युगधर्म की संस्थापना का कार्य करेगा"।
🌻
No comments:
Post a Comment