


















हमे सबके प्रति अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से पालन करते हुए जीवन जीना है।लोग हमारे प्रति क्या भाव रखते है इससे प्रभावित नही होना है।अपना कर्तव्य करते हुए अपने हर कर्म को अपने गुरुदेव को समर्पित करना है।
यह इतना आसान नही होता।क्योकि जब हमें response अच्छा नही मिलता तो मन उद्वेलित हो जाता है।इसके लिए पूज्य गुरुदेव से प्रार्थना करते हुए शक्ति मांगनी चाहिए कि "हे गुरुदेव ! हम सबके प्रति अपना कर्तव्य पालन करने में सक्षम हो।
अपने अहं को त्यागकर निष्काम भाव से कर्म करना है।निष्काम भाव से कर्म करने से हम कर्मफल के बन्धन से मुक्त रहते है।
जब हम अपने सभी कर्मो को गुरुदेव को समर्पित करते हुए करते है।.................(क्रमशः)"


















