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Monday, 9 January 2017

परम् पूज्य पापाजी ने सत्संग के दौरान बताया कि किस प्रकार लोग पूज्य गुरुदेव के बताये हुए अध्यात्म के मार्ग पर चलकर ....

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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परम् पूज्य पापाजी ने सत्संग के दौरान बताया कि किस प्रकार लोग पूज्य गुरुदेव के बताये हुए अध्यात्म के मार्ग पर चलकर स्वयम का सुधार करते हुए अपने व्यक्तित्व के माध्यम से अन्य लोगो को भी इस मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते है।यदि इन सारगर्भित तथ्यों का सतत मनन एवम् चिंतन किया जाये एवम् स्वयम में उतारने का प्रयास किया जाये तो निश्चित रूप से प्रत्येक के जीवन को नई दिशा मिल सकती है।प्रस्तुत है पूज्य पापाजी के शब्दों में-

🌻"परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज ने जिस कर्तव्य पालन एवम् सदाचार पर अध्यात्म मार्ग की नीव रखी उसकी पहली सीढ़ी सद्व्यवहार है।सद्व्यवहार -शिष्टता,शालीनता,विनम्रता,मर्यादा,नैतिकता, ईमानदारी आदि अनेक गुणों का सम्मिश्रण है।व्यवहार ही अपनों को पराया और परायो को अपना कर देता है।सद्व्यवहार में वाणी का विशेष योगदान है।संयमित व् कल्याणकारी वाणी व्यवहार की बुनियाद है।वाणी द्वारा व्यवहार बनता बिगड़ता है और वाणी द्वारा ही व्यक्तित्व निखरता है।सद्व्यवहार हृदय को विशाल बनाता है।इन बातो का सतत ध्यान रखना चाहिए।"








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(आगे की प्रस्तुति कल)🌻


🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻

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