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Monday, 30 January 2017

परम् पूज्य गुरुदेव श्रीचच्चाजी महाराज,दादागुरु परम् पूज्य श्री लालाजी महाराज (श्री रामचन्द्रजी महाराज) एवम् पूज्य पापाजी महाराज ,एवम् गुरु परम्परा के सभी सन्तों के चरण कमलो में हम सबका कोटि कोटि प्रणाम

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🌻🌻🌻🌻*~ॐ~*🌻🌻🌻🌻
🌻🌻🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻🌻🌻
🌻*बंदउ गुरु पद बारहिबारा*🌻🌻
🌻*जासु कृपा छूटहि दुःख सारा*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-🌷-🌷-🌷-*🌻


परम् पूज्य गुरुदेव श्रीचच्चाजी महाराज,दादागुरु परम् पूज्य श्री लालाजी महाराज (श्री रामचन्द्रजी महाराज) एवम् पूज्य पापाजी महाराज ,एवम् गुरु परम्परा के सभी सन्तों के चरण कमलो में हम सबका कोटि कोटि प्रणाम। जिनकी अहैतुकी कृपासे –


🌻"मूक होहि वाचाल,पंगु चढ़ई गिरिबर गहन।
जासु कृपा सो दयाल,द्रवउ सकल कलि मल दहन।।
अर्थ–जिनकी कृपा से गूंगा बहुत सुंदर बोलने वाला हो जाता है और लँगड़ा लूला दुर्गम पहाड़ पर चढ़ जाता है,वे कलियुग के सब पापो को जला डालने वाले दयालु भगवान मुझ पर द्रवित हो(दया करे)।


🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर अपनी कृपा बनाये रखे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻

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