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Monday, 16 January 2017

"सद्गुरु के महत्व एवम् उन पर श्रद्धा विश्वास "

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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-* 
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परम् पूज्य पापाजी ने -

"सद्गुरु के महत्व एवम् उन पर श्रद्धा विश्वास "

--------------------------------------------------------के बारे में चर्चा करते हुए सत्संग के दौरान बताया कि-
🌻"साधक की उन्नति सद्गुरु कृपा के बिना सम्भव नही है।जितने भी बड़े बड़े सन्त महात्मा हुए है वे सब किसी न किसी को गुरु बनाकर ही अध्यात्म के उच्च शिखर पर पहुँचे है।किन्तु यह भी एक सत्य है कि केवल गुरु बना लेने मात्र से ही सब कुछ हासिल नही किया जा सकता,उसके लिए गुरु में श्रद्धा एवम् विश्वास होना आवश्यक है,यही से साधना आरम्भ होती है।अपने गुरु के प्रति अटूट श्रद्धा हो ,उनकी बताई हुई साधना पर भी उतना विश्वास हो एवम् उसको पूरी निष्ठा से अभ्यास में लाया जाये तभी शिष्य की उन्नति तीव्र गति से हो पाती है क्योकि यह देखा गया है जिस काम में रूचि न हो, भीतर से चाह न हो उसे हम उचित प्रकार से नही कर सकते क्योकि मन साथ नही देता।इसलिए गुरु में श्रद्धा एवम् विश्वास बढ़ाने का प्रयत्न करते रहना चाहिए।विश्वास भी कई प्रकार का होता है जैसे एक अबोध बालक अपने माता पिता पर बिना किसी शंका एवम् तर्क के विश्वास करता है।साधना में ऐसा ही विश्वास शिष्य का गुरु के प्रति होना चाहिए।पूर्ण श्रद्धा एवम् साधक के विश्वास में ही परमात्मा का निवास होता है जैसा कि सन्त कबीर ने कहा है–

🌻"मो कू कहा ढूंढे रे बन्दे,मै तो तेरे पास में।
न मन्दिर में न मस्जिद में,न काबे कैलास में।
न तीरथ में न मूरत में,न एकांत निवास में।
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खोजी होय तुरत मिल जाऊँ,पल भर की तलाश में।
कहे कबीर सुनो भाई साधो,मै तो हूँ विश्वास में।।

कहने का तातपर्य यह है कि श्रद्धा विश्वास के गहरे होने से गुरु के प्रति निष्ठा मजबूत होगी।उनके श्री चरणों में प्रेम उत्पन्न होगा।प्रेम होने से आज्ञापालन का भाव स्वतः जाग्रत होगा।स्वयम के तर्क ,सन्कल्प विकल्प सब समाप्त होने लगेंगे ,इन सबके साथ ही गुरु में पूर्ण समर्पित भाव उत्पन्न होने लगेगा,जिससे साधक की उन्नति तीव्र गति से होगी " 
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🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻

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