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परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज के भक्त सौरभ श्रीवास्तव ने , जिनकी पूज्य पापाजी में भी अटूट श्रद्धा एवम् विश्वास है ,अपना संस्मरण प्रस्तुत किया ,जो उन्ही के शब्दों में प्रस्तुत है-

"यह उस समय की बात है जब मै इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था ,पर किसी कारणवश वहाँ मुझे ठीक नही लग रहा था।पूज्य पापाजी से मेरे पिताजी की बातचीत हुई,उन्होंने कहा तुम भइया (मुझे सब लोग भइया कहते है)की चिंता न करो ,उसे बी एस सी करा दो।मैने इम्तहान के मात्र दो महीने पहले एड्मीशन लिया।पढ़ाई नाम मात्र की हो पाई थी।जब फिज़िक्स का पेपर था मैंने पूज्य पापाजी से बात की मेरी तैयारी अच्छी नही है और अब मै कुछ और पढ़ भी नही पा रहा हूँ,मै पास नही हो पाऊंगा , मैंने जितना पढ़ना था पढ़ लिया अब कोई फायदा नही है ,रात के 12 बजे थे दूसरे दिन सुबह पेपर था इस पर उन्होंने कहा तुम चिन्ता न करो एक कोई भी प्रश्न और तैयार कर लो।मैंने उनका आदेश मानते हुए केवल एक प्रश्न और पढ़ लिया।सुबह जब पेपर देखा तो वह एक प्रश्न जो मैंने सिर्फ आज्ञा पालन के लिए पढ़ा था वह प्रश्न पत्र में था और उस एक प्रश्न की वजह से मुझे अच्छे नम्बर मिल गए ।यह मेरे जीवन की महत्वपूर्ण घटना थी।ऐसी अनेक घटनाये है जिनमे मुझे गुरुदेव की कृपा का समय समय पर अनुभव होता रहा।मै परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज एवम् पूज्य पापाजी के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम करते हुए उनसे यही प्रार्थना करता हूँ कि वे सदैव हम सब पर अपनी कृपा बनाये रखे।"

















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