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Tuesday, 3 January 2017

मन को निर्मल बनाने के लिए हमे निष्काम कर्म एवम् भगवत स्मरण निरन्तर करते रहना चाहिए

🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-* 
🌻
परम् पूज्य पापाजी ने सत्संग के दौरान आगे बताया कि-

🌻""परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज कहते थे 🌻""

"मन को निर्मल बनाने के लिए हमे निष्काम कर्म एवम् भगवत स्मरण निरन्तर करते रहना चाहिए।"""🌻जो भी कर्म करे उसका फल ईश्वर को अर्पित करते चले।इससे हम पूर्व जन्मों के संस्कारो को भोगते हुए भी कर्म बन्धन में नही फसेंगे।ईश्वर का या अपने इष्टदेव का निरन्तर भाव प्रेम से स्मरण करते रहने से हमारे पाप धुलने लगते है।निरन्तर स्मरण करते रहने से एवम् इष्टदेव के गुणों का चिंतन करने रहने से साधक के अंदर व्याप्त अवगुण दूर होने लगते है और सदगुणो का विकास होने लगता है।तब साधक स्वयं का परिष्कार करके गुरुकृपा से भगवत प्राप्ति रूपी परम् शांति को प्राप्त कर लेता है।.......................

🌻🌻🌻हम सब कितने सौभाग्यशाली है कि इस कलयुग में हमे परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज जैसे सद्गुरु मिले है जिन्होंने स्वयम की कठोर साधना से अध्यात्म मार्ग अत्यंत सरल एवम् सहज बनाकर हम सबके समक्ष रखा,जिससे हम सबका कल्याण हो सके।ऐसे परम् पूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में मेरा उनसे विनम्र निवेदन है कि वे अत्यंत दयालु एवम् कृपालु गुरु महाराज सभी के ऊपर अपनी कृपा बनाये रखे।


🌻ॐ शांतिः। शांतिः ।शांतिः ।(3)🌻""
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻

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