जब साधक समर्थ सद्गुरु की शरणागत हो जाता है तब सद्गुरु की कृपा से साधक का अहं मिट जाता है
🌻🌻🌻🌻🌻 🌻***~ॐ~***🌻 🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻 🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻 परम् पूज्य पापाजी ने आगे बताया कि- 🌻"जब साधक समर्थ सद्गुरु की शरणागत हो जाता है तब सद्गुरु की कृपा से साधक का अहं मिट जाता है।मन और बुद्धि में किसी भी तरह के तर्क एवम् अविश्वास के लिए जगह नही रहती।साधक के मन में यह दृढ विश्वास हो जाता है कि उसके सद्गुरु उसका हर तरह से कल्याण करेंगे।शिष्य गुरु के चरणों में अपना सर्वस्व अर्पण करने को तैयार हो जाता है यही सच्चा शिष्य बनना है।अपने गुरु के प्रति अटूट निष्ठा ,श्रद्धाभाव एवम् समर्पण के माध्यम से वह अध्यात्म की पहली सीढ़ी से मंजिल तक बिना अवरोध के पहुँच जाता है ।"🌻 🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻 🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻🌻🌻
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