














परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज एवम् परम् पूज्य पापाजी के एक अनन्य भक्त श्री दिलीप कुमार का संस्मरण उन्ही के शब्दों में प्रस्तुत है-

इस घटना की याद करके आज भी मेरे रोंगटे खड़े हो जाते है।तब से मेरी पूज्य चच्चा जी महाराज पर श्रद्धा और विश्वास और भी बढ़ गया। यद्यपि मैंने पूज्य चच्चा जी महाराज के दर्शन तो नही किये लेकिन यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे पूज्य पापाजी के सम्पर्क और सानिध्य में रहने का अवसर मिला।पूज्य पापाजी निरन्तर चच्चा जी के ध्यान में रहते हुए साधनारत रहते थे।उनके सानिध्य में मुझे हमेशा यह अहसास होता रहा कि चच्चा जी महाराज सदैव मेरे साथ है ।हर कठिन समय में जब मै परेशान होता तो पापाजी के पास् पहुँच जाता ,वे कहते तुम इतने बड़े सन्त के संरक्षण में हो,फिर क्यों परेशान होते हो।गुरुदेव स्वयम कोई न कोई रास्ता अवश्य निकालेंगे और वास्तव में समस्या का समाधान आश्चर्यचकित ढंग से हो जाता।मै परम् पूज्य चच्चा जी महाराज और पूज्य पापाजी को कोटि कोटि प्रणाम करता हूँ जिन्होंने मुझ निकृष्ट प्राणी को अपनाया।और मै सबसे यही कहूँगा कि पूज्य चच्चा जी महाराज एवम् पूज्य पापाजी की महिमा के लिए मेरे पास शब्द नही है,कभी भी कठिन परिस्थिति में किसी ने भी दिल से एक बार भी उन्हें पुकारा तो वे अवश्य अपने भक्त की रक्षा करेंगे ऐसा मेरा विश्वास है।"

बड़ रखवार रमापति जासू।।
















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