🌻🌻🌻🌻🌻🌻 🌻***~ॐ~***🌻 🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻 🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻 परम् पूज्य पापाजी ने सत्संग के दौरान बताया कि- 🌻"संसार में जीवन निर्वाह करते हुए एक साधारण मनुष्य को अनेक विघ्न बाधाओ का सामना करना पड़ता है।विपरीत परिस्थितियों से होकर गुजरना पड़ता है।विरोधियो के साथ संघर्ष करना पड़ता है।लोगो की भली बुरी सभी प्रकार की आलोचनाओ को सहन करना पड़ता है।इससे उसके जीवन में स्वभावत: उद्वेग,अशांति भय,क्रोध आदि के अवसर आते है और उसे जीवन में मानसिक अशांति का अनुभव करना पड़ता है।ऐसे मनुष्य को अपने कष्टो के निवारण के लिए मन तथा आत्मा की शांति के लिए ईश्वर का आश्रय ग्रहण करना पड़ता है।पूज्य चच्चा जी महाराज कहा करते थे कि- 🌻""ईश्वर की प्राप्ति बिना सद्गुरु के कृपा के नही हो सकती।सद्गुरु ही ईश्वर और भक्त के बीच की कड़ी है और ईश्वर प्राप्ति का सुगम साधन है""।🌻जब मनुष्य के अंदर तीव्र उत्कण्ठा एवम् लगन होती है तो सद्गुरु मिलने में देर नही लगती।यही भाव उसे सद्गुरु की शरण में ले जाता है।सद्गुरु की कृपा से ,उनके बताये हुए उपदेशो का पालन करने से उसको ऐसे साधन प्राप्त हो जाते है जिनका मन वचन और कर्म से पालन करने पर उसकी उनमे श्रद्धा एवम् विश्वास बढ़ने लगता है और साधना की ओर अग्रसर होकर यह अनुभव करने लगता है कि संसार में जो कुछ भी हो रहा है वह प्रभु की प्रेरणा एवम् इच्छा का फल है।अतः वे जो कुछ भी करते है उसका अंतिम परिणाम शुभ ही होता है चाहे तत्काल वह इसे न समझ सके।तब उसकी व्याकुलता और अशांति दूर होने लगती है और वह परम् शांति का अनुभव करने लगता है।" 🌻 🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव कृपा करे।*🌷*🌻 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻
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