














परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज के एक अनन्य भक्त डॉक्टर किसलय श्रीवास्तव जिनकी परम् पूज्य पापाजी में भी अटूट निष्ठा है ,अपना एक संस्मरण प्रेषित किया,जो कि उन्ही के शब्दों में प्रस्तुत है-
"मेरे माता पिता पूज्य चच्चा जी महाराज के अनन्य भक्त है।यद्यपि मैंने चच्चा जी महाराज के दर्शन नही किये पर पापाजी के संरक्षण एवम् सानिध्य में सदैव पूज्य चच्चा जी महाराज की कृपा का अनुभव होता रहा।आज मै अपना अनुभव आप सबके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ मुझे यह पूरा विश्वास है कि गुरुशक्ति सब कुछ कर सकती है।बात उस समय की है जब मै B A का इम्तहान दे चुका था।मेरा रिजल्ट आने वाला था।मै पूज्य पापाजी के सम्पर्क में बराबर रहता था।उन्होंने कहा कि तुम फर्स्ट पास होंगे।जब पेपर में रिजल्ट आया तो मेरी सेकंड डिवीजन आई।मैंने पापाजी से कहा कि मेरी तो सेकंड डिवीजन आई है आप तो कह रहे कि फर्स्ट पास होंगे।उन्होंने कहा तुम चिंता न करो।मार्कशीट तो आने दो,कभी कभी पेपर में गलत भी छप जाता है।लेकिन मै बहुत निराश हो गया था।कुछ दिनों बाद मार्कशीट आई और उसमे मेरी प्रथम श्रेणी आई।मुझे बहुत ख़ुशी एवम् आश्चर्य भी हुआ।मैंने पूज्य पापाजी एवम् चच्चा जी महाराज को प्रणाम किया।उन्होंने कहा तुम इतने बड़े सन्त की छत्रछाया में हो।कैसी भी परिस्थिति हो धैर्य एवम् लगन से प्रयास करते हुए उन पर पूरा विश्वास रखो।वे तुम्हारा हर तरह से कल्याण करेंगे।मेरी उनसे यही प्रार्थना है कि वे मेरे तथा मेरे परिवार के ऊपर सदैव अपनी कृपा बनाये रखते हुए हमे कर्तव्य के मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करते रहे तथा हम सबका उनके श्री चरणों में अनन्य प्रेम हो,जो कि उनकी कृपा के बिना सम्भव नही है।"

















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