














परम् पूज्य पापाजी द्वारा वर्णित परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज की महिमा की चन्द और पंक्तिया प्रस्तुत है-

गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।
दुखियो के सुखकारक तुम हो,
अधमो के उद्धारक तुम हो।
भवसागर से तारक तुम हो,
तुमसे सौभाग्य उदय होवै।
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे,
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।
कल्याण शरण में आते ही ,
दुखहारी दर्शन पाते ही।
पथदर्शक तुम्हे बनाते ही,
आनन्द लाभ अतिशय होवै।
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।।"
दुखहारी दर्शन पाते ही।
पथदर्शक तुम्हे बनाते ही,
आनन्द लाभ अतिशय होवै।
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।।"

अर्थात-"हे गुरुदेव आप ही दुखियो को सुख प्रदान करने वाले है, तथा पतितो को पावन करने वाले आप ही है।आप ही इस भवसागर से पार करने में समर्थ है ।आप की कृपा से ही सौभाग्य उदय होता है।आपकी शरण में आते ही,आपके दर्शन पाते ही,तथा आपको अपना सर्वस्व मान लेने के पश्चात जिस आनन्द की अनुभूति होती है वह अनुभव का विषय है।हे परम् दयालु एवम् कृपालु गुरु भगवान आपकी जय हो,जय हो,जय हो।"
















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