***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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१२२/१२४ - जो मनुष्य अपने वर्णाश्रम धर्म के विरुद्ध आचरण करता है तथा झूठ और अन्याय द्वारा जीविका उपार्जन करता है वह संसार के दिखावे के लिए चाहे जितने ही धार्मिक-पन के चिन्ह धारण करें परंतु ईश्वरीय मार्ग पर कदापि नहीं चल सकता ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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