














परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज की महिमा बताते हुए परम् पूज्य पापाजी अत्यंत भाव से पुलकित होकर कुछ पंक्तिया कहा करते थे।प्रस्तुत है उन पंक्तियो के कुछ अंश-

गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।
हो तुम्ही एक आश्रय दाता,
तुम रक्षक बन्धु पिता माता।
तु म बिन है राह कौन पाता,
तुम से ही जीव अभय होवे।
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।
तुम परम् तत्व के ज्ञाता हो,
दुर्गति में सुगति विधाता हो।
दुःख में सुख के निर्माता हो
कुसमय तुमसे सुसमय होवे।
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे,
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।।"
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दुर्गति में सुगति विधाता हो।
दुःख में सुख के निर्माता हो
कुसमय तुमसे सुसमय होवे।
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे,
गुरुदेव तुम्हारी जय होवे।।"

अर्थात_–हे गुरुवर आपकी जय हो।आप ही हम सबको आश्रय प्रदान करने वाले हो।आप ही हमारे माता पिता रक्षक एवम् बन्धु हो।आपकी कृपा के बिना कौन जीवन में सही दिशा पा सकता है।आप की कृपा से ही प्राणी अभय अर्थात भय रहित हो जाता है।हे गुरुदेव आपकी जय हो।आप ही परम् तत्व के ज्ञाता है।हमारे कर्मो के फलस्वरूप जो हमारी दुर्गति है उसको भी सुगति प्रदान करने वाले है।दुःख से बचाकर सुख प्रदान करने वाले आप बुरे समय को भी अच्छा बनाने वाले है।आप की जय हो जय हो जय हो।"
















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