Like on FB

Thursday, 9 March 2017

नाम जपत प्रभु कीन्ह प्रसादू, भगत सिरोमनि भे प्रह्लादू।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~****🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻
🌻"सत पंच चौपाई"🌻 की अगली प्रस्तुति -

🌻"नाम जपत प्रभु कीन्ह प्रसादू,
भगत सिरोमनि भे प्रह्लादू।
ध्रुव सगलानि जपेऊँ हरि नाउँ,
पायउ अचल अनूपम ठाऊँ।

🌻"नाम के जपने से प्रभु ने कृपा की,जिससे प्रह्लाद भक्त शिरोमणि हो गए।ध्रुवजी ने ग्लानि से (विमाता के वचनो से दुखी होकर सकाम भाव से) हरिनाम को जपा और उसके प्रताप सेअचल अनुपम स्थान (ध्रुव लोक ) प्राप्त किया।"🌻
🌻"परम् पूज्य पापाजी सदैव अपने गुरुदेव के ध्यान में स्थित रहते हुए नाम जप पर विशेष महत्व देते थे।वे कहते थे कि परम् पूज्य गुरुदेव श्री चच्चा जी महाराज कहा करते थे कि अभ्यास साधना से पावर उत्पन्न होती है ।अतः अपनी पावर का सही उपयोग करना चाहिए।फिर श्रद्धा भाव के साथ निष्काम भाव से नाम जप से तो लाभ होता ही है,यदि कोई भक्त सकाम भाव से भी नाम जपेगा तो उसे भी लाभ होगा। ।जैसा कि कहा गया है-
🌻"जे सकाम नर सुनहि जे गावहि,
सुख सम्पत्ति नाना विधि पावहि।"
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻

No comments:

Post a Comment