🌻"जगु पेखन तुम्ह देखन हारे,
विधि हरि सम्भु नचावन हारे।
तेउ न जानहि मरमु तुम्हारा,
औरु तुम्हहि को जाननहारा।
सोई जानइ जेहि देहु जनाई,
जानत तुम्हहि तुम्हइ होइ जाई।
🌻"हे राम!जगत दृश्य है,आप उसके देखने वाले है।आप ब्रह्मा ,विष्णु और शंकर को भी नचाने वाले है।जब वे भी आपके मर्म को नही जानते,तब और कौन आपको जानने वाला है?
वही आपको जानता है जिसे आप जना देते है और जानते ही वह आपका स्वरूप बन जाता है।(अर्थात आपकी कृपासे ही लोग आपको जान पाते है)
🌻"हे गुरुदेव!हम सब आपको प्रणाम करते हुए आपसे प्रार्थना करते है आप हम सब पर कृपा करे।आपकी कृपा से ही भक्त आपको जान पाते है।"
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