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Sunday, 26 March 2017

जोगु कुजोगु ग्यानु अग्यानू, जहँ नहि राम पेम परधानू।

🌻🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~****🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*🌻
🌻"सत पंच चौपाई"🌻 के अयोध्याकाण्ड की अगली प्रस्तुति–

🌻"जोगु कुजोगु ग्यानु अग्यानू,
जहँ नहि राम पेम परधानू।
प्रभु पितु मातु सुहृद गुर स्वामी,
पूज्य परमहित अंतरजामी।।" 
🌻
🌻"(ऋषि वसिष्ठ जी ने श्री राम जी के बारे में कहा कि)जिसमे श्रीराम प्रेम की प्रधानता नही है,वह योग कुयोग है और वह ज्ञान अज्ञान है।(भरतजी कहते है)
हे प्रभु!आप पिता ,माता,सुहृद(मित्र),गुरु,स्वामी,पूज्य,परम् हितैषी और अन्तर्यामी है।"🌻
🌻"हे शरणागत का हित करने वाले परम् पूज्य गुरुदेव आपकी कृपा हम सब पर बनी रहे,यही प्रार्थना है।"🌻
🌻*🌷परम् पूज्य गुरुदेव सब पर कृपा करे।🌷*🌻
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻(क्रमशः)🌻🌻🌻🌻

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