
















दोहा-
🌻"अनुज जानकी सहित प्रभु,चाप बाणधर राम।
मम हिय गगन इंदु इव,बसहुँ सदा निष्काम।।

मम हिय गगन इंदु इव,बसहुँ सदा निष्काम।।
अर्थ-
🌻"प्रभु श्री राम चन्द्र जी ,धनुष बाण धारण किये हुए आप अनुज श्री लक्ष्मण जी एवम माता जानकी जी सहित मेरे हृदय में निष्काम रूप से उसी प्रकार निवास कीजिये जिस प्रकार आकाश में चन्द्रमा निवास करता है। हम अपने परम् पूज्य गुरुदेव से यह प्रार्थना करते है कि आप सदैव हमारे हृदय में निवास करे।"


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