🌻"सुक सनकादि सिद्धि मुनि जोगी.
नाम प्रसाद ब्रह्मसुख भोगी।
नारद जानेउ नाम प्रतापू,
जग प्रिय हरि हरि हर प्रिय आपू।
🌻"शुकदेव जी और सनकादि सिद्ध,मुनि,योगिगण नाम के ही प्रसाद से ब्रम्हानन्द को भोगते है।नारदजी ने नाम के प्रताप को जाना है।हरि सारे संसार को प्यारे है,(हरि को हर प्यारे है)और आप(श्री नारदजी) हरि और हर दोनों को प्रिय है।
🌻*"परम् पूज्य पापाजी ने नाम के महत्व को बताते हुए कहा कि श्रद्धा भाव से अपने "आराध्य" के नाम लेने मात्र से भव सागर आसानी से पार किया जा सकता है।"
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