

















दान मुकुति धन धरम धाम के।
मन्त्र महामणि विषय व्याल के,
मेटत कठिन कुअंक भाल के।
अभिमत दानि देवतरु बर से,
सेवत सुलभ सुखद हरिहर से।

मनो वांछित वस्तु देने में श्रेष्ठ कल्पवृक्ष के समान है और सेवा करने में हरि-हर के समान सुलभ और सुख देने वाले है।"

🌻

1–मन्त्र महामणि विषय............
2–यह गुण साधन ते नहि होइ,
तुम्हरी कृपा पाय कोइ कोई।"


















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