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Sunday, 9 October 2016

(भाग ६९/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"


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🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
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६९/१२४ -   मन को पवित्र, निर्मल रखने से दिव्या शक्तियों तथा गुडों का विकास  होता है । अपवित्र मन मनुष्य को दुराचारी तथा कुपथगामी बनाता है । मन को पवित्र बनाने के लिए सत्य भाषण और अहिंसा मुख्य साधन हैं ।

- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।
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