***~ॐ~***
*श्री गुरुवे नमः*
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७९/१२४ - भाव और प्रेम सहित श्री भगवान् का स्मरण और ध्यान करने से मनुष्य आत्म बल द्वारा निर्भयता के साथ अधिक से अधिक कष्टों, दुखों और प्रत्येक प्रकार की असुविधाओं पर विजय प्राप्त करते हुए लौकिक एवं आध्यात्मिक दिव्य शक्तियों को अपने अधीन करके श्री भगवान् का सच्चा भक्त बन जाता है ।
- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई ।
ॐ शांति शांति शांति।
🌹🌹🌹🌹🌹 * *पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
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