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Monday, 10 October 2016

(भाग ७०/१२४) - "कर्त्तव्य पालन अवं सदाचार"


🌻🌻🌻🌻🌻
🌻***~ॐ~***🌻
🌻*श्री गुरुवे नमः*🌻
🌻*-🌷-🌷-🌷-*


७०/१२४ -   नित्य प्रति नियमानुसार भाव और प्रेम के साथ श्री भगवान् की उपासना करने से अन्तः करण शुद्ध होता है, अन्तः करण शुद्ध होने से मन पवित्र होता है। मन के पवित्र होने से सत्य भाषण और अहिंसा का साधन स्वतः ही होने लगता है । 

- समर्थ सद्गुरु श्री श्री भवानी शंकर जी महाराज (पूज्य चच्चा जी), उरई । 

🌻*🌷*पूज्य गुरुदेव हम सब पर कृपा करे।
🌻🌻🌻 ॐ शांति शांति शांति।
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